किसानों को मिला दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल का साथ, बोले- तीनों कृषि बिल किसान विरोधी
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताने के लिए पंजाब और हरियाणा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे
केजरीवाल ने एक ट्वीट कर कहा, ''केंद्र सरकार के तीनों खेती बिल किसान विरोधी हैं। ये बिल वापस लेने की बजाय किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है, उन पर वाटर कैनन चलाई जा रही हैं। किसानों पर ये जुर्म बिल्कुल गलत है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन उनका संवैधानिक अधिकार है।''
इसलिए यहां पर विशेष पुलिस बल तैनात किए गए हैं। अगर प्रदर्शनकारी चोरी-छिपे दिल्ली में प्रवेश भी कर जाएं तो उनसे निपटने के लिए प्रमुख मार्गों पर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। स्थिति पर नजर रखने के लिए पुलिस ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है।
वहीं, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा था
किसानों को अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी साथ मिल गया है।
अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से किसानों को रोकना और उन पर पानी की बौछार करना बिल्कुल गलत है।
किसान आंदोलन के मद्देनजर बार्डर पर सुरक्षा कड़ी
किसान प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए हरियाणा से सटी सीमाओं पर पुलिस ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। वहीं, हरियाणा पुलिस भी बैरिकेडिंग और कंटीले तार लगाकर मुस्तैद है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि करीब पांच हजार की संख्या में प्रदर्शनकारियों को पानीपत के पास रोका गया है। इसके अलावा हरियाणा में दिल्ली की तरफ बढ़ने वाले प्रमुख मार्गों पर पत्थर और कंटीले तार बिछाए गए हैं।
साथ ही सिंघु बॉर्डर, औचंदी बॉर्डर, लामपुर बॉर्डर एवं और टिकरी बॉर्डर पर दोनों तरफ कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। इसमें सिंघु बॉर्डर सीधे पंजाब से जुड़ा है,
कि उसने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया था। पुलिस ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़े करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी
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